Rewa News: रीवा जिले के त्योंथर में घमासान, अलग हुए राजेंद्र शुक्ल और विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज
त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज और राजेंद्र शुक्ल के बीच दरार पैदा हो चुकी है, इतना ही नहीं बल्कि सिद्धार्थ तिवारी राज अब राजेंद्र शुक्ला से अलग होकर दूसरे और बड़े गुट में शामिल हो चुके हैं
Rewa News: बघेली में एक कहावत है कि जब नई नवेली दुल्हन पहली बार ससुराल जाती है तो वह काम कम और चूड़ी ज्यादा खनकाती है, यह कहावत इन दिनों रीवा जिले के त्योंथर में बिल्कुल फिट बैठ रही है, दरअसल रीवा बीजेपी में इन दिनों भयंकर गुटबाजी चल रही है और भाजपा के अंदर अंदर ही अंदर गुटबाजी की चिंगारी सुलग रही थी कि इसी बीच जनार्दन मिश्रा ने स्वर्गीय पंडित श्रीनिवास तिवारी का नाम लेकर ऐसा स्वाहा बोला कि इसका धुआं अब भोपाल तक दिखने लगा है.
अब त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज और राजेंद्र शुक्ल के बीच दरार पैदा हो चुकी है, इतना ही नहीं बल्कि सिद्धार्थ तिवारी राज अब राजेंद्र शुक्ला से अलग होकर दूसरे और बड़े गुट में शामिल हो चुके हैं, यह लड़ाई राजेंद्र शुक्ला और सिद्धार्थ तिवारी के बीच नहीं है बल्कि वीडी शर्मा और राजेंद्र शुक्ल के बीच है.
एक समय था जब राजेंद्र शुक्ल के प्रतिद्वंद्वी नरोत्तम मिश्रा माने जाते थे लेकिन उस समय शिवराज सिंह चौहान के कारण राजेंद्र शुक्ल की पकड़ बेहद मजबूत थी, पिछली भाजपा सरकार में माना जा रहा था कि राजेंद्र शुक्ला को बड़ा पद मिलेगा लेकिन नरोत्तम मिश्रा ने ऐसी चाल चली कि राजेंद्र शुक्ला को विधायक तक ही सीमित होना पड़ा, ऐसा इसलिए क्योंकि नरोत्तम मिश्रा के खास गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली और एक जिले से दो बड़े पद का बटनवारा नहीं हो सकता था.
दतिया विधानसभा से नरोत्तम मिश्रा के चुनाव हारने के बाद राजेंद्र शुक्ल ने चैन की सांस ली लेकिन अब राजेंद्र शुक्ल के आगे उनके दूसरे प्रतिद्वंदी बीडी शर्मा आकर खड़े हो गए हैं, बीडी शर्मा के इस गुट में सिद्धार्थ तिवारी राज के साथ-साथ रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, सतना जिले के भी कुछ विधायक शामिल हैं, और इतना ही नहीं बल्कि अब सिद्धार्थ तिवारी राज डायरेक्ट मुख्यमंत्री के संपर्क में हो गए हैं.
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला को आपने कभी किसी मंच से किसी भी व्यक्ति विशेष का विरोध करते नहीं सुना होगा लेकिन उनकी इस कमी को सांसद जनार्दन मिश्रा हमेशा पूरा कर देते हैं, सिद्धार्थ तिवारी राज से मुख्यमंत्री की बढ़ती नजदीकियों की वजह से सांसद ने श्रीनिवास तिवारी का नाम लेकर ऐसा विवाद खड़ा किया की अंत में मुख्यमंत्री को त्योंथर का कार्यक्रम कैंसिल करना पड़ा और इस साजिश में भगवान इंद्रदेव ने भी सांसद और डिप्टी सीएम का खूब साथ दिया.
चलिए एक नजर डालते हैं त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से लगी रीवा जिले की त्योंथर विधानसभा सीट जहां से टमस नदी गुजराती है यहां कभी नेताओं की कमी नहीं रही हालांकि रीवा जिला मुख्यालय से काफी दूर होने की वजह से यह क्षेत्र अब भी पिछड़ा है, कई वर्षों से इसे जिला बनाने की मांग भी की जा रही है पर अभी तक यह जिला नहीं बन पाया.
इस बार के विधानसभा चुनाव में लोगों ने सिद्धार्थ तिवारी राज को अपना आशीर्वाद देकर रियल लाइफ का विधायक बनाया लेकिन सिद्धार्थ तिवारी राज REEL लाइफ के विधायक बन गए हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी वह सिद्धार्थ तिवारी राज के पास कोई भी शिकायत लेकर पहुंचते हैं तो वह उसका निराकरण करने से पहले उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं सिद्धार्थ तिवारी के द्वारा हर मंगलवार को त्योंथर विश्राम गृह में जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है, अब तक 10 से अधिक बैठक हो चुकी हैं पर लोगो की समस्याएं जस की तस है, बल्कि सोशल मीडिया पर फरियादियों की तस्वीर जरूर देखने को मिल जाएगी. जब से सिद्धार्थ तिवारी राज नए-नए विधायक बने हैं तब से जमीन पर काम काम बल्कि सोशल मीडिया पर ज्यादा काम हो रहा है.
त्योंथर विधानसभा में इन दिनों दो भाजपा हो गई है एक गुट में पुरानी भाजपा है तो दूसरे गुट में कांग्रेस मिक्स नई भाजपा है, जो कभी कांग्रेस के हुआ करते थे वह अब सिद्धार्थ तिवारी के हो गए हैं, त्योंथर विधानसभा क्षेत्र में तीन मंडल अध्यक्ष हैं जिसमें से दो मंडल अध्यक्ष पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी की तरफ तो वहीं एक मंडल अध्यक्ष दोनों तरफ शामिल है.
त्योंथर के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी की आंखों से जब से विधायकी का चश्मा उतरा है तब से उन्हें क्षेत्र की समस्याएं साफ़-साफ़ दिखना शुरू हो गई है क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर जले हैं, सिद्धार्थ तिवारी से ज्यादा इस बात की जानकारी श्यामलाल द्विवेदी को है, अपनी विधायिकी कार्यकाल के दौरान कभी उन्होंने गौशाला का मुंह देखा हो या ना देखा हो लेकिन जब से सिद्धार्थ तिवारी विधायक बने हैं तब से वह दीवाल कूद कर गौशाला देखने जाते हैं जिसका वीडियो भी हाल ही में सामने आया था.
ऐसे में नई और पुरानी भाजपा के बीच सबसे ज्यादा परेशानी जो असली बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं उनको उठानी पड़ रही है, त्योंथर क्षेत्र में जब टमस नदी में बाढ़ आई थी तब कंबल घोटाला भी सामने आया था और वही घोटाले बाज लोग अब सिद्धार्थ तिवारी राज के खासम खास बने घूम रहे हैं यह हम नहीं बल्कि वहां के पुराने भाजपाई कह रहे हैं. जिसके कारण भाजपा में विरोध और अन्तःकला साफ-साफ दिखाई दे रही है. पूर्व मंत्री स्वर्गीय रमाकांत तिवारी की पुण्यतिथि पर भी यही नजारा देखने को मिला, सिद्धार्थ तिवारी ने राजेंद्र शुक्ला को देखते ही मंच से थोड़ा दूरी बना रखी थी पर बाद में राजेंद्र शुक्ल ने उन्हें बुलाकर अपने बगल में बैठाया.
भाजपा की आपसी लड़ाई में त्योंथर की जनता बेहद निराश और परेशान है अगर क्षेत्र में कोई ट्रांसफार्मर भी जल जाता है तो वह दोनों नेताओं की आपसी खींच तान और क्रेडिट लेने के चक्कर में कई हफ्तों तक नहीं बन पाता ऐसे कई मामले है जिससे लोग परेशान है क्षेत्र में अब भी व्यवस्थाएं बदहाल हैं और इस खींच तान में त्योंथर क्षेत्र की जनता गेहूं में घुन की तरह पिस रही है.